खेती करने वाले किसान का बेटा-बेटी एक साथ बने अग्निवीर, जानें कैसे और कहां करते थे पढ़ाई
मोदी सरकार युवाओं के लिए पिछले साल अग्निपथ योजना लेकर आई। जिसमे हजारो युवाओ ने अपना योगदान दिया। इसमें एक भाई बहन की जोड़ी ने सेना में एक साथ भर्ती होकर अग्निवीर बनने का मुकाम हासिल किया।
News 24Hours Hub: इस भाई बहन की जोड़ी से लाखो युवाओ को प्रेरणा मिली। यह पहला मौका है जब एक परिवार के दो सदस्य अग्निवीर बन रहे हैं. इनके अग्निवीर बनने से आसपास के युवाओं को भी प्रेरणा मिल रही है. जितना स्पेशल दोनों भाई बहन का अग्निवीर बनना है, उतना ही खास इनका सफर भी रहा है. दोनों भाई बहन बचपन से ही सेना में भर्ती होने का सपना संजोए हुए थे.
पहले दोनों भाई बहन ने आर्मी व एयरफोर्स में स्थायी भर्ती होने का प्रयास किया लेकिन वहां भर्ती रद्द हो गई तो दोनों ने अग्निवीर बनने की तैयारियां शुरू कर दी. पहली बार में ही दोनों रोहतक भर्ती कार्यालय द्वारा कराई गई भर्ती में चयनित हो गए. अब दोनों ट्रेनिंग के लिए बेंगलुरु जा रहें हैं.
दोनों बेंगलुरु में अलग- अलग जगहों पर ट्रेनिंग हासिल कर अग्निवीर बनेंगे. सेना भर्ती मुख्यालय अंबाला में दोनों भाई बहन के उदाहरण को सैन्य अधिकारियों के सामने प्रस्तुत किया गया ताकि अग्निपथ योजना के तहत अधिक से अधिक युवा सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित हो सकें.
अनुजा बेंगलुरु के सीएमटी सेंटर नेल्संधरा में एक मार्च से ट्रेनिंग लेंगी तो वहीं, सुमित सीएससी सेंटर बेंगलुरु में रहकर ट्रेनिंग पूरी करेंगे. दोनों भाई बहन का अग्निवीर में चयनित होने पर परिजनों में खुशी की लहर है. ऑल इंडिया रैंक में प्रथम स्थान हासिल करने पर अनुजा को एआरओ रोहतक की तरफ से स्मृति चिह्न देकर सम्मानित भी किया गया है.
एक साथ प्रैक्टिस करते थे दोनों भाई- बहन
दोनों भाई बहन एक साथ अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनने की काफी खुशी मना रहे हैं. सुमित ने बताया कि साल 2020 में इंडियन एयरफोर्स में X ग्रुप में वो चयनित हो गए थे लेकिन आगे यह भर्ती रद्द कर दी गई.
इसके कुछ समय बाद मोदी सरकार ने अग्निपथ योजना को लागू कर दिया. इसके लिए दोनों भाई बहन ने एक साथ फिजिकल की तैयारियां शुरू कर दी. सेना भर्ती कार्यालय रोहतक के तहत अग्निवीरों की भर्ती का शेड्यूल आया. जिसके बाद हिसार में जाकर टेस्ट दिया और चयन हो गया.
खेतीबाड़ी करता है इनका परिवार
सुमित व अनुजा दोनों के पिता सगे भाई हैं जो एक ही छत के नीचे रहते हैं. खेतीबाड़ी से परिवार का पालन पोषण करने वाले इस परिवार ने बताया कि बेटा व बेटी के एक साथ अग्निवीर बनने की अपार खुशी है. बच्चे सेना में भर्ती होने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे और उनकी मेहनत रंग लाई है. अब सेना भर्ती कार्यालय भी दोनों भाई-बहन के उदाहरण को युवाओं के बीच लेकर जा रहा है ताकि युवा प्रेरित हो सकें.