सरकार Gas की कीमतों को कर सकती है फिक्स, इससे उत्पादन की लागत हो सकती है कम
News 24Hours Hub, New Delhi: केंद्रीय मंत्रिमंडल देश में गैस की कीमतों को तय करने पर विचार करेगा. जससे को काफी राहत की सास मिलेगी। इससे गैस के बनने की लागत को कई हद तक काम किया जा है। सूत्रों के हवाले से यह खबर मिली है की सरकार एक साल में दो बार स्थानीय रूप से उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतों को अपने तरिके तय करती है करती है।
जिसमे गैस को बदला जाता है इस गैस को वाहनों में उपयोग होने वाली सीएनजी में और रसोई में इस्तेमाल होने वाली गैस में बदला जाता है। इसके आलावा गैस के और अन्य इस्तेमाल भी बहुत है जैसे की गैस का उपयोग बिजली बनाने के लिए भी किया जाता है।
क्या होगी गैस की नई कीमतें
भारत जैसे देश में गैस का उपयोग घरेलू स्तर पर बहुत अधिक होता है।इसके लिए घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस के भुगतान के लिए दो फॉर्मूला बनाये गए हैं जैसे की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन और दूसरा ऑयल इंडिया लिमिटेड है गैस का उत्पादन समुन्दर से भी किया जाता है इसमें दूसरा भुगतान हरे समुद्र के नए क्षेत्रों से उत्पादित गैस के भुगतान का फॉर्मूला है. जिनके ऊपर सरकार जल्द ही विचार करेगी।
कितनी होगी कीमतों में वृद्धि
इस युद्ध के चलते गैस की कीमते दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। जिसका आम लोगो की जिंदगी पर बहुत बुरा असर पद रहा है गैस की कीमते अपने रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। कठिन क्षेत्रों से गैस के लिए 12.46 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की दर को तय किया गया है अब इन दरों पर अप्रैल में संशोधन किया जा सकता है। जससे आम जनता को राहत मिल सकती है और इन कीमतों में और अधिक वृद्धि होने की सम्भावना है। जो की बड़ी परेशानी का कारण है।
कितना होगा गैस की कीमत में संशोधन
सूत्रों के हवाले से यह ख़बर मिली है कि सरकार gas की क़ीमतों में बढ़ोतरी कर सकती है आम आदमी को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है जिसके चलते सरकार स्थानीय उपभोक्ता और उत्पादक दोनों हितों को अच्छी तरह से संतुलित करती है जिससे देश आगे तरकी की राह पर बढ़ सकता है।
जिसके साथ ही देश को गैस आधारित अर्थव्यवस्था भी बन सकता है। और जिससे आम व्यक्ति को काफ़ी राहत मिल सकती है पुराने छेत्रो में सरकार ने गैस और ब्रेंट कच्चे तेल के दाम का 10 प्रतिशत तक करने को कहा है और इसको कई देशो की कीमतों के आधार पर किया जा सकता है।
जानें तेल की कीमतों में कितनी हो सकती है वृद्धि
सूत्रों के हवाले से यह खबर मिली है की चार डॉलर प्रति इकाई के न्यूनतम मूल्य और 6.50 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की सीमा के तहत ही रहेगा। और ब्रेंट कच्चे तेल की कीमत 75 डॉलर प्रति बैरल ही है और सीमा के कारण ईंधन की कीमत केवल 6.5 डॉलर होगी। कठिन क्षेत्रों में सरकार कोई बदलाव नहीं करेगी।